कवर्धा से रविन्द्र शुक्ला
कवर्धा। आदित्यवाहिनी के द्वारा भगवत्पाद आद्य शंकराचार्य का 2530 वां प्राकट्य महोत्सव स्थानीय पी जी कॉलेज ऑडिटोरियम में धूमधाम से मनाया गया। जहां सर्वप्रथम भगवान आदि शंकराचार्य, भगवती सरस्वती एवम श्रीमज्जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी की प्रतिमा एवम चित्र का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया गया। तदुपरांत सामूहिक श्री हनुमान चालीसा का संगीतबद्ध पाठ किया गया।
आदित्यवाहिनी के कार्यकारी जिला अध्यक्ष आशीष दुबे ने बताया कि इस अवसर पर संगोष्ठी एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसमें नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा, वरिष्ठ शल्य चिकित्सक डा ए के श्रीवास्तव, वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर बक्शी, साहित्यकार एवम लायंस क्लब के पूर्व अध्यक्ष नीरज मंजीत, भागवताचार्य मोहन लाल त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य एवम आयुर्वेदाचार्य मोहित शर्मा, सिख समाज से गुरदीप सिंह ने भगवान आदि शंकराचार्य जी के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला एवम शारदा संगीत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रबुद्ध शर्मा तथा इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के कलाकारों के द्वारा भजन की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का संचालन आदित्य वाहिनी के प्रदेश उपाध्यक्ष अवधेश नंदन श्रीवास्तव ने किया।
उल्लेखनीय है कि सनातन धर्म के आद्य जगद्गुरू शंकराचार्य का दिव्य अवतरण आज से 2530 वर्ष पूर्व बैशाख शुक्ल पंचमी के दिन ऐसे समय में हुआ था जब सब ओर से सनातन धर्म पर आक्रमण हो रहा था, वैदिक कर्मकांड और उपासना कांड पर प्रहार हो रहा था तब उन्होंने बौद्ध सम्राट सुधनवा के हृदय का शोधन कर उन्हें सनातन धर्म में प्रतिष्ठित किया तथा चार मठों की स्थापना की। आज आदि शंकराचार्य जी के कारण ही सनातन धर्म सुरक्षित है।
कार्यक्रम में नगर वासियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। आदित्यवाहिनी के इस आयोजन की सबने मुक्त कंठ प्रशंशा की। संस्था के सदस्य गणों ने सभी अतिथि वक्ताओं को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में पीठ परिषद के जिलाध्यक्ष संतोष ठाकुर, आदित्य वाहिनी के पूर्व जिलाध्यक्ष कमल कांत रूसिया, मारुति शरण शर्मा एवं नारायण गुप्ता, पूर्व जिला सचिव सुरेश गुप्ता, नगर अध्यक्ष मोनू ठाकुर, पूर्व नगर अध्यक्ष सुरेंद्र गुप्ता, बृजभूषण वर्मा, जीतेश शर्मा, लोकेश त्रिपाठी, कुलेश्वर सिंह, सनत साहू, पिपरिया से डा मनोहर चंद्रवंशी, नंद कुमार शर्मा आदि सदस्यों ने अपने सक्रियता पूर्ण योगदान से आयोजन को सफल बनाया।